Tuesday 11 April 2017

Success Story of IAS Topper- Suraj

संघर्ष करने की क्षमता से ही चमका सूरज!

success story of IAS topper
जब कुछ कर दिखाने के लिए इरादे बुलंद हों, तो विपरीत परिस्थितियों में भी राहें बनने लगती हैं। यह कथन कानपुर के जाजमऊ के रहने वाले सूरज सिंह परिहार पर सटीक बैठती हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल थीं, इसके बावजूद सिविल सेवा परीक्षा में पास होने का दृढ़ निश्चय उनको इस मुकाम तक ले आया। आज सूरज ने सिविल सेवा परीक्षा में सफल होकर अपना स्थान पक्का कर लिया है। वर्तमान में दिल्ली स्थित कस्टम एंड एक्साइज डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत सूरज ने सफलता के सूत्र साझा किए। पेश है, उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश :
सिविल सर्विसेज में मिली इस सफलता पर कैसा लग रहा है?
मेरा और मेरे परिवार का सपना पूरा हो गया। मैंने आईएएस बनने का सपना देखा जरूर था, लेकिन पता नहीं था, कैसे पूरा होगा। परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं। घर मैं पापा प्राइवेट सेक्टर से रिटायर्ड हैं। परिवार में मैं ही कमाता था। ग्रेजुएशन के बाद ही दिल्ली आ गया था और इंटरनेशनल बीपीओ में जॉब करने लगा। 2005 से 2007 तक बीपीओ में काम किया। उसके बाद 2008 से 2012 तक स्टेट बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में पीओ की नौकरी की। जॉब के साथ तैयारी करना मुश्किल था और जॉब छोडऩा भी आसान नहीं था। फिर 2012 में एसएससी के द्वारा कस्टम एवं एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ। आखिरकार जो चाहता था, वह मंजिल मिल ही गई।
यह आपका कौन-सा प्रयास था?
यह आईएएस का मेरा तीसरा प्रयास था। पहले प्रयास में मेरा चयन नहीं हुआ। दूसरे प्रयास में भी मैं इंटरव्यू तक पहुंचा। इस बार मुझे सफलता मिली।
मेन एग्जाम में अपने विषय के बारे में बताएं?
इसके लिए मैंने हिंदी साहित्य का चयन किया था।
तैयारी किस प्रकार की?
मैंने बीए और एमए की किताबों के अलावा एनसीईआरटी की किताबों से तैयारी की। सामान्य अध्ययन के लिए सेल्फ स्टडी की। हिंदी साहित्य के लिए दिल्ली स्थित दृष्टि - द विजन से कोचिंग ली। इंटरव्यू की बारीकियां कानपुर के एपेक्स इंस्टीट्यूट से सीखीं।
इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए थे?
मेरा इंटरव्यू प्रोफेसर डेविड सिंगली के बोर्ड में था। ओवर ऑल अच्छा गया था। डेविड सर साउथ से थे, इसलिए उन्होंने अंग्रेजी में प्रश्न पूछे और मैंने भी अंग्रेजी में उनके उत्तर दिए। देश-दुनिया से संबंधित प्रश्न उन्होंने पूछे। तैयारी तो मेरी थी ही, इसलिए उनके जवाब देने में मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई।
अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बारे में बताएं?
मैंने कानपुर के सरस्वती विद्या मंदिर, डिफेंस कॉलोनी से 75 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं की और इसी स्कूल से 81 प्रतिशत के साथ 12वीं की। इसके बाद डीएवी कॉलेज, कानपुर से बीए (67 प्रतिशत) किया और फिर 59 प्रतिशत के साथ एमए की डिग्री हासिल की।
अपनी सफलता का श्रेय किसको देना चाहेंगे?
मेरी सफलता मेरे माता-पिता की वजह से है, जिन्होंने अपनी सामर्थ्य के अनुसार हरसंभव मेरी मदद की। भाई-बहनों के प्यार से भी मेरा हौसला बना रहा। इसके अलावा मेरे दिवगंत दादाजी और दादीजी का आशीर्वाद भी मेरे साथ रहा। भगवान की अपार कृपा तो है ही।
सिविल सेवा की तैयारी में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
तैयारी में सबसे जरूरी है कि यूपीएससी के सिलेबस को कवर करें। बुक्स को कवर न करें, टॉपिक्स को कवर करें। इसके अलावा उत्तर देते समय ध्यान रखें कि उत्तर क्रिएटिव होना चाहिए। इसके अलावा एनालिसिस करें। पैराग्राफ बड़े नहीं होने चाहिए। फैक्ट्स ठीक हों। 

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